October 22, 2025

मतलब कि इस दुनिया से मुझे नफरत है, ओ झूलेलाल सांई मुझे आपकी जरूरत है- संत ओमीराम सांई 

मतलब कि इस दुनिया से मुझे नफरत है, ओ झूलेलाल सांई मुझे आपकी जरूरत है- संत ओमीराम सांई 

श्री झूलेलाल चालिहा महोत्सव झूलेलाल मंदिर सिंधु अमर धाम आश्रम झूलेलाल नगर चक्करभाटा में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है आज 19 वे दिन चालीहा महोत्सव में वशण शाह दरबार उल्हासनगर महाराष्ट्र के संत सांई ओमी राम जी का दिव्य सत्संग कीर्तन का आयोजन किया गया कार्यक्रम रात्रि 10:00 बजे आरंभ हुआ 12:00 बजे समापन हुआ कार्यक्रम की शुरूआत भगवान झूलेलाल बाबा गुरमुख साहेब जी के फोटो पर फूलों की माला पहनाकर दीप प्रजवलित करके की गई इस अवसर पर ओमी राम सांई जी ने अपनी अमृतवाणी में भक्तों के ऊपर सत्संग की अमृत वर्षा कि उन्होंने फरमाया की (मतलब कि इस दुनिया से मुझे नफरत है औ भगवान झूलेलाल मुझे आपकी जरूरत है)

जब हर कोई इंसान यह समझ जाएगा उस दिन वह भगवान को पा लेगा कहने का तात्पर्य यह है कि 24 घंटे में कहते हैं 10% भगवान की भक्ति में लागाना चाहिए तो 10% सिर्फ पैसा या धन दौलत भगवान के चरणों में नहीं रखनी है बल्कि आपको 10% भगवान के को याद करना है भक्ति करनी है सिमरन करना है सच्चे मन से , 10% होता है 24 घंटे का 2 घंटा 40 मिनट पर आज इस भागम भाग जिंदगी में अगर आप 10% भी नहीं समय दे सकते हो तो कम से कम एक परसेंट मतलब 24 मिनट 24 घंटे में आपको सिर्फ 24 मिनट भगवान को भक्ति में सिमरन में लगाना है इतना भी अगर आप कर लोगे तो आपके दुख दर्द कम हो जाएंगे जैसे आधार कार्ड दिखाएं बिना आप प्लेन में बैठ नहीं सकते हो तो आप सोचो बगैर आधार के आप ऊपर भगवान से कैसे मिल सकते हो और वह आधार है भक्ति सिमरन ट्रेन में टिकट कटवा कर हम आराम से बैठ जाते हैं और अपनी मंजिल में पहुंच जाते हैं इस तरह भगवान से मिलना है तो आपको टिकट कटवानी पड़ेगी और वह टिकट है भक्ति सिमरन की और वह ट्रेन है संत की जब आप संत महात्मा के संग भक्ति सिमरन में बैठ जाओगे तो आपको मंजिल भगवान का द्वार भगवान के दर्शन खुद ही हो जाएंगे संत महात्मा उस ट्रेन के ड्राइवर हैं जो आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाने का कार्य करते हैं और ट्रेन का डब्बा है सिमरन भक्ति आप लोग बड़े भाग्यशाली हैं इस ठंड में भी आप यहां बैठे हैं हम उल्हासनगर से आए हैं तो कोई नागपुर से आया है तो कोई रायपुर से आया तो कोई भाटापारा से आया है यह अपने आप नहीं आए हैं इनके ऊपर भगवान झूलेलाल की कृपा हुई है तभी वह यहां सत्संग में बैठे हैं नहीं तो कई लोग मंदिर के पीछे आगे में रहते हैं लेकिन फिर भी इस उत्सव में सत्संग में नहीं पहुंचे हैं क्योंकि उन्हें भगवान का बुलावा नहीं था कहते हैं ना

( इरादे बनते हैं बन के टूट जाते हैं मेरे झूलेलाल के दर पर वही आते हैं जिन्हें भगवान झूलेलाल बुलाते हैं)

सांई ओमीराम ने अपनी अमृतवाणी में कई भक्ति भरे भजन गाए जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे कार्यक्रम के आखिर में पूज्य सिंधी पंचायत रामावैली के द्वारा आज की धूनी का आयोजन किया गया था अध्यक्ष व पदाधिकारी ने साइ ओमी राम का फूलों की माला पहनाकर शाल ओढाकर स्वागत और सम्मान किया बाबा गुरमुख दास सेवा समिति के द्वारा भी साइ ओंमी राम का स्वागत और सत्कार किया गया सांई ओमी राम जी ने भी लाल सांई का स्वागत सत्कार किया कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई विश्वकल्याण के लिए पल्लव पाया गया प्रसाद वितरण किया गया आज के इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया आज के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों से शामिल हुए और कार्यक्रम का आनंद लिया इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुख दास सेवा समिति झुलेलाल महिला सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा

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