राजधानी दिल्ली में अपराधियों के हौसले बुलंद, चलते ऑटो से युवती का हाथ पकड़कर खींचा

दिल्ली। जैसा कि आए दिन,आप लोग देखते होंगे कि , राजधानी दिल्ली में , अपराधियों के हौसले, लगातार बुलंद, होते जा रहे हैं । मामला चाहे हत्या का हो, झपटमारी का हो, चोरी का हो, या फिर अपराध से जुड़ा कोई भी मामला हो । अपराधी किसी भी, वारदात को अंजाम देने में, बिल्कुल भी नहीं डरते , ऐसा लगता है, मानो राजधानी दिल्ली में, कानून का खौफ, बिल्कुल ही खत्म हो चुका है । ऐसा ही एक, बेहद चौका देने, वाला मामला थाना खजूरी इलाके से, निकलकर हमारे, सामने आया है । उत्तर पूर्वी दिल्ली के, सोनिया विहार की रहने वाली, 27 वर्षीय शीतल नाम की, युवती ऑटो रिक्शा में, सवार होकर थाना खजूरी इलाके से, गुजर रही थी । उसी समय अचानक, दो बाइक पर सवार, बदमाश आते हैं , और चलते ऑटो में, ही शीतल से, उसका मोबाइल फोन, जबरन छीनने का, प्रयास करते हैं । युवती अपने मोबाइल फोन को, बचाने के लिए, अपने हाथों में, कसकर मोबाइल फोन को, पकड़ लेती है ।
लेकिन बेखौफ अपराधी, युवती का हाथ पकड़ कर, चलते ऑटो से खींच लेते हैं । जिससे कि, वह युवती ऑटो रिक्शा से, सड़क पर जाकर गिरती है, और उसके सिर व हाथ पैरों में, गंभीर चोटें आ जाती हैं । वह घटनास्थल पर ही, सड़क पर गिर कर बेहोश हो जाती है । आनन फानन में, ऑटो रिक्शा चालक, तुरंत युवती को, ऑटो रिक्शा में डालकर, दिल्ली के चंदगी राम अखाड़े के, नजदीक ट्रॉमा सेंटर में, भर्ती करवा देता है । उसके बाद ऑटो रिक्शा चालक, परिजनों को, इस घटना की जानकारी देता है । उसके परिजन थाना खजूरी, पुलिस को इस घटना की, जानकारी दे देते हैं । लेकिन पुलिस ने अभी तक, इस मामले में, कार्रवाई करना तो दूर, पीड़ित परिजनों के, अनुसार इस मामले को, मामूली एक्सीडेंट का, रूप देने में जुटी है । पुलिस की लापरवाही का, यह कोई पहला मामला नहीं है । इससे पहले भी, दिल्ली के, उत्तर पूर्वी जिला पुलिस, कई मामलों में, इस प्रकार की, लीपापोती कर चुकी है । युवती की हालत, काफी गंभीर थी ।
लेकिन अब जाकर डॉक्टरों के, अनुसार उसकी स्थिति खतरे से, बाहर है । लेकिन पुलिस की, ओर से अभी तक, युवती के बयान नहीं लिए गए हैं, ना ही पीड़ित परिवार के, बयान के आधार पर, कोई शिकायत दर्ज की गई है । पुलिस की कार्यशैली को लेकर, पीड़ित परिजनों में, काफी नाराजगी, नजर आ रही है । क्या दिल्ली के, हालात देखकर , दिल्ली रहने लायक हैं ? हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी, किस पर हैं , जिन सरकारों को हम चुनते हैं या बिकाऊ पुलिस व्यवस्था पर, जो क्राइम कम दिखाने के लिए, मुकदमे भी ठीक से नहीं लिखती ? सवाल हमारे जवाब आपका धन्यवाद ।
