October 21, 2025

दिल्ली में फिर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर चेतावनी निशान के पार

दिल्ली में फिर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर चेतावनी निशान के पार

दिल्ली। यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे राजधानी में बाढ़ की आशंका तेज हो गई है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को करीब 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो तेज़ी से दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही दिल्ली में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। रविवार शाम 4 बजे यमुना का जलस्तर 204.60 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी के स्तर 204.50 मीटर से ऊपर है।

प्रशासन को सता रहा बाढ़ का डर 

प्रशासन को डर है कि अगर पानी का बहाव इसी तरह जारी रहा तो राजधानी एक बार फिर 2023 जैसी गंभीर बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर सकती है। उस साल जुलाई में यमुना का जलस्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया था, जो 45 साल का रिकॉर्ड था। इस बार भी पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश और बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार और मंगलवार की आधी रात से यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है।

यमुना किनारे अलर्ट जारी

स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना के किनारे बसे इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। कई स्थानों पर बाढ़ से निपटने के इंतज़ाम किए जा रहे हैं। यमुना बाजार में नदी के किनारे सुरक्षा दीवारों को मजबूत किया गया है ताकि पानी सीधे आबादी वाले इलाकों में न घुसे। हालांकि, शुरुआती संकेत चिंताजनक हैं, क्योंकि आसपास के इलाकों में सीवर ओवरफ्लो होने लगे हैं, जिससे जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है।

बाढ़ प्रबंधन अधिकारियों ने कसी कमर

बाढ़ प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन पूरी तरह तैयार है। गीता कॉलोनी फ्लड कंट्रोल रूम से यमुना के जलस्तर की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। फायर ब्रिगेड, गोताखोरों की टीमें, मेडिकल स्टाफ और अन्य विभागों के नोडल अधिकारी मुस्तैद हैं। मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे हैं।

दिल्ली बाढ़ में हज़ारो लोग हुए थे बेघर 

2023 में दिल्ली ने बाढ़ की भीषण मार झेली थी। सिर्फ 24 घंटे में यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर चला गया था और 13 जुलाई तक 208.48 मीटर तक पहुंच गया था। बाढ़ का पानी कश्मीरी गेट आईएसबीटी, आउटर रिंग रोड और यमुना खादर जैसे इलाकों में घुस गया था। हजारों लोग बेघर हो गए थे और कई दिनों तक जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा था।

दिल्ली में बाढ़ का इतिहास

इतिहास पर नजर डालें तो दिल्ली में यमुना का जलस्तर पहले भी कई बार खतरे के निशान से ऊपर गया है। 1963, 1978, 2010, 2013 और 2023 में भी यमुना ने राजधानी में बाढ़ की स्थिति पैदा की थी। ऐसे में एक बार फिर दिल्ली के लिए चुनौतीपूर्ण समय सामने है जिसपर प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ स्थिति का सामना करने की तैयारी में जुटी हुई हैं।

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