October 21, 2025

उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, पूरे प्रदेश में 59 सड़कें बंद

उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, पूरे प्रदेश में 59 सड़कें बंद

पर्वतीय जिलों में लैंडस्लाइड से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित ग्रामीण मार्ग भी प्रभावित

देहरादून। उत्तराखंड में मानसूनी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यमुनोत्री और गंगोत्री जैसे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कुल 59 सड़कें मलबे और भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई हैं। प्रशासन द्वारा मार्ग बहाली का कार्य जारी है, लेकिन पहाड़ों की यात्रा जोखिम भरी बनी हुई है।

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग रानाचट्टी, स्यानाचट्टी और पालीगाड के पास मलबा आने के कारण बंद हो गया है। वहीं, गंगोत्री हाईवे पर डबरानी के पास भारी भूस्खलन से मार्ग बाधित है। दोनों हाईवे पर मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

प्रदेश में इस समय कुल 59 सड़कें बंद हैं, जिनमें 36 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। पिथौरागढ़ जिले में तवाघाट-घटियाबगड़-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग मलघट के पास बंद है, जबकि धारचूला-तवाघाट मार्ग पर बड़े पत्थर गिरने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर भी चार स्थानों पर भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध है। थल-मुनस्यारी मार्ग पर किलोमीटर 166.171 पर भारी मलबा जमा है, जिससे जिले में कुल 19 सड़कें बाधित हैं।

इसके अलावा, देहरादून में 5, अल्मोड़ा में 1, बागेश्वर में 4, चमोली में 8, नैनीताल में 1, पौड़ी में 5, रुद्रप्रयाग में 4, टिहरी में 1 और उत्तरकाशी में 11 सड़कें अब भी बंद हैं। भारी बारिश से गदेरे (छोटे बरसाती नाले) भी उफान पर हैं, जिससे निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है।

मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि अन्य जिलों में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. रोहित थपलियाल ने बताया कि आगामी 5 अगस्त तक प्रदेश भर में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में लैंडस्लाइड और सड़क बंद होने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। उन्होंने यात्रियों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि जब तक अति आवश्यक न हो, पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा से परहेज करें।

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