October 21, 2025

महाकुंभ 2025- नई पीढ़ी सनातन संस्कृति और अध्यात्म की ओर हुई आकर्षित

महाकुंभ 2025- नई पीढ़ी सनातन संस्कृति और अध्यात्म की ओर हुई आकर्षित

महाकुंभ में युवाओं की रही रिकॉर्ड भागीदारी

रील लाइफ में जी रहे युवाओं ने सांस्कृतिक दूत बनकर महाकुंभ के आयोजन को देश-दुनिया तक पहुंचाया

महाकुंभ ने युवाओं को सनातन परंपरा से जोड़ने में निभाई अहम भूमिका

उत्तर प्रदेश। प्रयागराज में 45 दिन तक चले महाकुंभ में युवाओं की रिकॉर्ड भागीदारी रही। महाकुंभ ने रील लाइफ में जी रहे युवाओं को सनातन परंपरा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। महाकुंभ के 45 दिनों में 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं में करीब आधे 25 वर्ष या इससे कम उम्र के थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सनातन धर्म, वेद-पुराण और गीता से जुड़े विषयों की खोज 300 गुना तक बढ़ गई। साफ है कि नई पीढ़ी सनातन संस्कृति और अध्यात्म की ओर आकर्षित हुई है।

महाकुंभ के विराट आयोजन का असर बहुत गहराई तक पड़ा है। देश की स्वतंत्रता के बाद से हुए सभी कुंभ धर्मपरायण अधेड़ और वृद्ध श्रद्धालुओं के समागम का केंद्र रहे हैं। ‘कुंभ नहा लिए’ कहावत का मतलब ही था कि अपनी जिम्मेदारियों को निभा चुके लोग ही कुंभ स्नान को जाते थे।

महाकुंभ 2025 इस मामले में एकदम अलग रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटल महाकुंभ को युवाओं ने हाथों हाथ लिया। एआई आधारित कुंभ सहायक ऐप और गूगल नेविगेशन से युवाओं को जोड़ने में सफलता मिली। तकनीक और संस्कृति के संगम में युवाओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाने के रिकॉर्ड बनाए।

कुंभ ने ये झलक भी दिखा दी कि युवा पारंपरिक धर्म और आधुनिक राष्ट्रवाद के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इनमें लाखों-करोड़ों की संख्या में डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, प्रबंधक, टीचर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक, पत्रकार, खिलाड़ी, अभिनेता, मैन्यूफैक्चरर, ट्रेडर, सर्विस सेक्टर उद्यमी और कॉलेज की छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

33 करोड़ से ज्यादा युवाओं ने फोटो और वीडियो गर्व के साथ सोशल मीडिया पर साझा किए। महाकुंभ आकर उन्होंने देखा कि डिजिटल क्रांति केवल कागजों पर नहीं बल्कि हकीकत बन चुकी है।

कुंभ सहायक चैटबॉट, क्यूआर कोड आधारित जानकारियां, शौचालयों की साफ-सफाई के लिए सीआर कोड आधारित व्यवस्था, गूगल मैप पर महाकुंभ नगरी और वहां होने वाले आयोजनों की जानकारियां, इंटरनेट के बेहतरीन सिग्नल, ऑनलाइन बुकिंग्स, फ्लाइट कनेक्टिविटी, रेल और रोड नेटवर्क ने युवाओं को महाकुंभ से जोड़ दिया।

महाकुंभ में रामकथा, भागवत कथा और प्रवचनों में युवाओं की भीड़ उमड़ी। सत्संग और कीर्तन में करोड़ों युवा शामिल हुए। साफ है कि आधुनिक पीढ़ी जड़ों की ओर लौट रही है। यही युवा महाकुंभ से लौटते हुए दुनिया भर में संगम की मिट्टी और संगम का जल साथ ले गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.