देश में बहुमंजिला सोसाइटियों के निर्माण पर पूर्णतया रोक व शिक्षा की ओर सरकार ध्यान दें ।
- विजय दशमी पर “इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन” (आईपीए ) ने राष्ट्रीय पटल पर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की ली शपथ ।
आज फ्लेट ओनर फेडरेशन एवं आरडब्लूए फेडरेशन गाजियाबाद के चेयरमेन, कोरवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी के साथ शिक्षा के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने वाली इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन ( आईपीए) की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमति सीमा त्यागी , होर्टी कल्चर फ्लोरी कल्चर सोसाइटी की चेयर परसन श्रीमति रमा त्यागी एवं अन्य ने राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के मुद्दों को उठाने एवं बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर रोक लगाने के लिए मॉडल टाऊन स्थित कार्यालय पर गहन बैठक की ।
कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने कहा की ज़्यादातर लोग तो अपने खाने – कमाने मे लगे हैं।अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी जो किसी न किसी का सहारा लेकर गाजियाबाद आते है वो अपना स्वार्थ पूरा करने मे लगे हैं। वर्तमान तो संतोषजनक है ही नहीं, भावी पीढ़ियों का भविष्य और भी अधिक अंधकारमय दिखाई देता है। उन्होने कहा की बहुमंजली इमारतों के निर्माण से ताबड़तोड़ प्रदूषण पैदा हो रहा है। और दुख की बात यह है की नगर निगम जिसका काम रख रखाव का है वो सड़क और भवन निर्माण करने मे लगा है। अन्यंत्रित निर्माण पर रोक लगनी ही चाहिए। ये आवाज़ हम नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा?
इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा की प्राइवेट स्कूल सीधे सीधे दुकान बन गए है जिनमे दूर दूर तक राष्ट्रभक्ति और चरित्र निर्माण दिखाई नहीं देता। ऐसी स्थिति मे शासन और प्रशासन की ज़िम्मेदारी बनती है की वो शिक्षा पर सम्पूर्ण ध्यान दें और एक वर्किंग ग्रुप का गठन करें अन्यथा 2047 का ‘’विकसित भारत‘’ सपना ही रह जाएगा। उन्होने कहा की जब तक हम एक देश, एक शिक्षा, एक बोर्ड , एक पाठ्यक्रम लागू नहीं करेंगे तब तक विकसित भारत की कल्पना बेईमानी है।
रमा त्यागी ने बताया की सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन विकसित करने के दौरान स्कूलों की जमीनी बदहाली सामने आई। अधिकतर स्कूलो मे एक ही शिक्षक है और उसे भी कभी चुनावी ड्यूटी पर, कभी जनगणना ड्यूटी पर और कभी सरकारी अभियानो मे लगा दिया जाता है, बच्चे कैसे पढ़ेंगे? उदाहरण के तौर पर पी एस प्राइमरी, हरसांव, प्राइमरी स्कूल, लाल कुआं, उच्च माध्यमिक, रईस पुर , प्राथमिक विधालय, रजापुर जैसे अन्य स्कूल है।
इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कक्कड़ ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन और सभी के लिय समान एवं सुलभ शिक्षा मुहैया कराई जा सके। निजी शिक्षा संस्थाओं एवं संस्थानों को अब बाजारीकरण बंद करना होगा। जन सेवा के लिए सरकार ने सस्ती दरों पर इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बिजली पानी आदि निजी संस्थानों को इसीलिए दिए की वो राष्ट्र को पूर्ण साक्षरता की तरफ ले जा सकें। अब इनको लालच छोड़ कर जन सेवा की दिशा में मोड़ना होगा।
आईपीए के राष्ट्रीय महासचिव महिपाल रावत कहा है कि निजी स्कूलों और कॉलेजों को नो प्रोफिट नो लॉस के मॉडल पर लाने एवं भारत में शिक्षा के बढ़ते व्यापारिकरण को को समाप्त करने के लिय आईपीए वचनबद्ध है।
आईपीए के राष्ट्रीय उपसचिव सुमित त्यागी एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नीरज गहलोत , राष्ट्रीय सैनिक संस्था के स्पोर्ट्स विंग के राष्ट्रीय संयोजक ईशान त्यागी, किन्शुक बंसल, अमित चौहान, राहुल शर्मा ने कहा की समय बदल रहा है। भारत में शिक्षा के बढ़ते व्यापार और भ्रष्टाचार के खिलाफ असंतोष पनप रहा है और आम आदमी के सब्र का बांध टूट रहा है। लिहाजा हमारे सुझावो पर युद्ध स्तर पर काम होना चाहिए।
सौजन्य से
इंडियन पेरेंट्स एसोसिएशन
विवेक त्यागी (मीडिया प्रभारी)