October 20, 2025

जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार से खुलेगी अर्थव्यवस्था, घटेगा अनुपालन बोझ: वित्त मंत्री सीतारमण

जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार से खुलेगी अर्थव्यवस्था, घटेगा अनुपालन बोझ: वित्त मंत्री सीतारमण

चेन्नई: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की अर्थव्यवस्था को अधिक खुला, पारदर्शी और सरल बनाएंगे। इसके साथ ही ये सुधार अनुपालन बोझ (compliance burden) को भी कम करेंगे, जिससे छोटे और मध्यम व्यवसायों को बड़ी राहत मिलेगी।

वित्त मंत्री चेन्नई में आयोजित सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रही थीं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य विनियमों को सरल बनाना, अनुपालन लागत में कटौती करना और स्टार्टअप्स व एमएसएमई को अधिक सक्षम बनाना है।

सीतारमण ने कहा, “कल और परसों होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक से इन सुधारों की योजनाबद्ध शुरुआत हो रही है। आने वाले महीनों में यह पहल भारत की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खुली और पारदर्शी बनाएगी। साथ ही छोटे व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगी।”

जनधन खातों की सफलता पर प्रकाश

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में जनधन योजना की सफलता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में 56 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं, जिनमें अब तक 2.68 लाख करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इन खातों में से 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं, जबकि 56 प्रतिशत खाते महिलाओं के नाम पर हैं — यह वित्तीय समावेशन की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता (asset quality) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे देश की बैंकिंग प्रणाली और अधिक स्थिर और मजबूत हुई है।

डिजिटल जागरूकता पर राष्ट्रपति मुर्मू की चिंता

इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अहम बातें रखीं। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, देश में अब भी डिजिटल साक्षरता, इंटरनेट पहुंच और वित्तीय जागरूकता के मामले में कई चुनौतियां बनी हुई हैं।

उन्होंने कहा, “बैंकिंग सेवाओं को दूरदराज के गांवों तक पहुंचाने का कार्य सराहनीय है, लेकिन अब वक्त है कि लोगों को तकनीकी और डिजिटल साक्षरता के माध्यम से बेहतर रूप से जोड़ने पर ध्यान दिया जाए।“

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने में बैंकों की भूमिका बेहद अहम है और बैंकिंग क्षेत्र को इस दिशा में और अधिक सक्रिय होना चाहिए।

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